अब दर्द का दर्द से रिश्ता बन रहा है। तेरा यूं नजर चुराना मेरे दर्द का सबब बन रहा है। दिन हो या रात हो बस तेरी ही बात हो। डूब के दर्द में दर्द से ही इश्क करने लगा हूं। ये मेरे दिल का भ्रम है या सचमुच तुम हो। मेरी बातों का होContinue reading “दर्द से रिश्ता”
Tag Archives: दर्द
जख्म
हालाते दर्द बयां नहीं होता , हालाते दर्द बयां नहीं होता, दोस्तों, और दिल है कि उसे और दर्द चाहिए!! मेरे दिल के अरमां सारे चुर हो गए , मेरे दिल के अरमां सारे चुर हो गए ,दोस्तों, और उनके अरमानों के पंख लग गए। आसमां भी आज रो दिया होगा, आसमां भी आज रोContinue reading “जख्म”
उन्हें क्या पता
तेरे दर्द से परेसां हूं मैं ! ऐसा लगता है कि बिमार हूं मैं!! मेरी खामोशी का मतलब ना निकालना! तुम्हे क्या पता, मतलब निकालने में माहिर हूं मैं!! तुम्हे पसंद नहीं मेरा आना! पर तुम्हे क्या पता , घर से भागने में माहिर हूं मैं!! यूं ना दिल जलाओ मेरा ! तुम्हे क्या पता,Continue reading “उन्हें क्या पता”