बहुत दिनों तक शहर में रहने के पश्चात
एक लड़का अपने पिता से मिलने गाँव आया।
अपने पिता को मेहनत करते देख उसने सोचा थोडा पिताजी का हाथ बटाया जाए ।
और वह पिता के साथ काम करने लग गया
लेकिन काम था कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था।
दोपहर से शाम होने को आ रही थी ,धीरे – धीरे
अब रात होने को आ गई,
लेकिन अब भी कुछ काम बांकी था।
दिन – रात के मेहनत से वह अब झल्ला सा गया था।
इतनी मेहनत कोई कैसे कर सकता है।
मैं तो इतने में ही परेशान हो गया हूं।
तो कोई हर वक्त किसी भी मौसम में इतना मेहनत कैसे कर सकता है?
परेशान होते हुए बेटे ने अपने बाप से पूछा,
तो बाप ने ज़बाब दिया – किसान
और काम करने लगा।
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