स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामना के साथ
ए मातृभूमि तेरे लिए मैं क्या कर सकता हूं,
तेरे उपकारों का, क्या मैं बदला चुका सकता हूं?
मां मेरी मुझे इक मौका दे,
तेरे लिए मां अपनी शीश कटा सकता हूं।
ए मातृभूमि तेरे लिए मैं क्या कर सकता हूं?
तेरे उपकारों का ,क्या मैं बदला चुका सकता हूं?
मगर ए मां मैं चाहता हूं कुछ अलग करना,
इसके लिए मुझे चाहे कुछ भी पड़ जाए करना।
मां मैं चाहता हूं दुश्मनों के दांत खट्टे करना,
आंख उठाकर कोई देख ना पाए ,
तेरी ओर ,ऐसा काम करना चाहता हूं।
ऐ मातृभूमि मैं तेरे लिए क्या कर सकता हूं?
तेरे उपकारों का क्या मैं बदला चुका सकता हूं?
मां तेरे राहों के काटें निकालना चाहता हूं,
तेरे लिए मां, मैं इस जग को सुंदर बनाना चाहता हूं।
ऐ मातृभूमि मैं तेरे लिए क्या कर सकता हूं?
तेरे उपकारों का क्या मैं बदला चुका सकता हूं?
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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जय भारत
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acha likha h aapne…
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बहुत – बहुत धन्यवाद
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जय हिन्द
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जय भारत
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