ये कहानी एक छोटे बच्चे की जिसका जन्म अंतरिक्ष की गहराइयों में हुआ ।
क्या आप जानना चाहेंगे उस अंतरिक्ष में जन्मे बच्चे के बारे में ?
जब धरती के सारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष में घर बनाने के लिए होड़ लगा रहे थे।और कई देशों ने तो देखते- देखते अंतरिक्ष में, अपना अपना स्टेशन बना कर वहां रिसर्च भी शुरू कर दिया था।
उस में से कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी थे जो ये प्रयोग कर रहे थे कि
बिना किसी आवरण के हम अंतरिक्ष में कैसे रह सकते है।
मगर हर बार उसे असफलता ही हाथ आई, और साथ ही इसमें कई आदमियों का बलिदान भी देना पड़ा।
हर बार के असफलता से परेशान होकर उस अभियान को चलाने वाली संस्थाओं ने पैसा देना बंद कर दिया । जब इसका पैसा आना बंद हो गया तब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में रहकर ये प्रयोग करना कठिन हो गया ।
अभी तक धरती से गए जितने भी प्रयोग हेतु वस्तु थे, लगभग सभी का उपयोग किया जा चुका था ।
उसमें से कुछ पदार्थ बचे थे।
अब जब की वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष छोड़ने में अब कुछ दिन ही शेष बचे थे। और सभी धरती पर जाने की तैयारी में लगे थे।लेकिन , एक वैज्ञानिक ऐसा भी था जो लगातार अपने काम में लगा था।और उसके हाथ कुछ ऐसी सफलता लगी, जिससे वह खुश हो गया। और अपनी योजना सब को बताने के लिए तैयारी करने लगा ।रवि नाम के उस वैज्ञानिक ने अपनी योजना बताने के लिए, उसने उस अंतरिक्ष के प्रयोगशाला में मौजूद सभी वैज्ञानिकों की आपात बैठक बुलाई और अपनी योजना को विस्तार पूर्वक बताया ।ये योजना कुछ इस प्रकार का था -: की हम सब मिलकर एक ऐसा ट्यूब बनाएंगे जिसमें बच्चा पल सके और इसका जन्म इसी अंतरिक्ष में हो ।
साथ ही इसके शरीर निर्माण में अंतरिक्ष के पदार्थ के साथ धरती के पदार्थ को मिलाकर किया जाए । सभी वैज्ञानिक उसकी बात ध्यान से सुन रहे थे ।
उसने आगे बताना शुरू किया कि एक वैज्ञानिक ने कहा कि,” हम वो अंतरिक्ष का पदार्थ कहां से लाएंगे?”
इस बात पर उस वैज्ञानिक ने जबाव दिया, मैंने कुछ पदार्थ यहां के वातावरण से तैयार किया है ।कुछ यहां के आस पास मिलने वाले पत्थरों से निकाला है।
इतने पर दूसरे वैज्ञानिक ने पूछा, “इतने काम इतने कम दिन में कैसे कर पाएंगे,और जब की ये काम अब बंद हो गया है तो इसको हम कैसे आगे बढ़ाएंगे और भविष्य में इसका मॉनिटर हम कैसे कर पाएंगे?”
इस बात पर उस वैज्ञानिक ने जबाव दिया, ये सारी बातें हम लोगों के मध्य ही रहेंगी ,और हम इसका भेद तब तक नहीं खोलेंगे।
जब तक ये योजना सफल नहीं हो जाती ।और इसका मॉनिटर हम धरती से गुपचुप तरीके से करेंगे।
और अब रही बात इसको सब के नजर से बचाने की तो हम इसको एक ऐसे जगह पर इंस्टाल करेंगे जो ये सब के नजर से बचा रहे और अपना काम भी होता रहे।
और हम इसको ऐसे सेट करेंगे की ये बाहर से खुल सके ऑटोमैटिक हो अगर हम लोग इसको कमांड नहीं भी दे तो भी ये अपना काम करता रहे और इसको हम कम से कम चार साल के लिए कमांड दे कर रखेंगे।
और जब जरूरत होगा तब इसको धरती से कमांड देंगे, और अन्य जानकारी उस योजना से सम्बन्धित सभी को समझाने लगा।
सभी कुछ समझने के बाद सब अपने अपने कार्य में लग गए ।
बहुत हद तक कार्य , रवि ने पहले ही कर दिया था ,जब सारा system तैयार हो गया । उसको उस अंतरिक्ष यान के एक ऐसे हिस्से में सेट किया गया कि वह किसी के नजर में ना आए ,और उसकी एनर्जी ,पॉवर संबंधित आवश्यकता भी पूरी होता रहे ।साथ ही जब जरूरत हो ,उसको बाहर लाने का,तब बाहर लाया जा सके। उसी मशीन के अंदर
उसके पालन पोषण का सारा व्यवस्था किया गया था,मशीन ऐसा सिस्टम इंस्टाल किया गया कि ,
उसके अंदर हो रही पल पल की गतिविधि का पता उसको चलता रहे।
अब आखिर जाने का दिन आ ही गया ,जाने से पहले एक बार सभी ने जाके अपना अपना सिस्टम चेक किया । सभी सिस्टम सही से कार्य कर रहे थे ,अब सभी धरती पर जाने के लिए सभी जाके अपने यान में बैठ गए और धरती की ओर रवाना हो गए ।
धरती पर लौटने के करीब एक साल के बाद
अचानक एक दिन उन सब के द्वारा जो सिस्टम सेट किया गया था उसमे हलचल तेज हो गई।
अचानक हुई इस हलचल से उस ग्रुप के सारे सदस्य सक्रिय हो गए।
अब इंतजार था उस system के सही से कार्य करते रहने का ,साथ उन सब को ये आश्चर्य हो रहा था कि हलचल तो है लेकिन,बच्चा अभी तक पूर्ण रूप से विकसित क्यों नहीं हुआ , ये इतना समय क्यों लगा रहा है । ये सोचने के अलावा और कर भी क्या सकते थे , इंतजार के अलावा कुछ कर भी नहीं सकते थे ।
क्योंकि,ये सारी गतिविधि गुप्त रूप से चल रही थी ,तो सावधानी रखना जरूरी था।
उस मशीन में हलचल लगातार हो रही थी मगर कुछ ज्यादा कहा नहीं जा सकता था ।
करीब दस महीने के बाद सबको ऐसा लगा, जैसे सिस्टम में बच्चा अब परिपक्व हो चुका है ,और सिस्टम से मैसेज आ रही बेबी ट्यूब ने आखिर उस बच्चे को जन्म दे ही दिया
और अब था टाइम बच्चे को खुले अंतरिक्ष में बिना किसी आवरण के निकालना ।
आखिर उस इंतजार का घड़ी खत्म हुआ और उस ऑटोमैटिक मशीन ने उसको बाहर निकाला कुछ सेकंड के लिए और फिर उसको अंदर ले लिया ।
अब तक बच्चा सही सलामत था ,
अब देखना था दूसरा चरण ।
दूसरे सप्ताह में बच्चे को मशीन ने फिर निकाला इस बार दो मिनट के लिए सबको अंदेशा था इस बार बच्चे को नुकसान होना ही है।
मगर ,दो मिनट के बाद बच्चे को मशीन फिर अंदर ले लिया ।
अब उस मिशन के सारे मेंबर को आखिर प्रयोग के उपर नजर था ।
इस बार का प्रयोग एक महीने के बाद होना था ।सारे सदस्य बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
की अचानक इस मिशन के सारे मेंबर एक्टिव है ये खबर खुफिया विभाग को पता चल गई ।
अब ये पता करना था कि ये सारे सदस्य आखिर इतने एक्टिव क्यों हो गए।
अब खुफिया विभाग के सारे सदस्य एक्टिव हो गए उनके फोन से लेकर मोबाइल कंप्यूटर उसके हर एक्शन पर नजर रखने लगे ।
इनको पता करने में ज्यादा समय नहीं लगा ।की ये सब किसी ऐसे मिशन पर काम कर रहे है ।जो समाप्त हो चुका है । और ये इसको गुपचुप तरीके से सब के नजर से बचा के कर रहे है।
ओर इन सबको दो चरण की सफलता भी मिल चुकी है ।
खुफिया विभाग के चीफ ने मिशन को जानने के बाद उसने उसका तीसरा चरण पूरा होने देने का आदेश दे दिया ,और उसके बाद ही
इसके बारे में सदस्यों से पूछताछ की कारवाही को आगे बढ़ाएंगे।
अब तीसरे चरण को पूरा होने में दो दिन ही बांकी था कि इस मिशन के बारे में कुछ न्यूज वहां के अपराधियों तक भी पहुंच गए।
और उस मिशन के एक सदस्य को छोड़ कर सारे सदस्य को अगवा कर लिया गया।
अब एक दिन मात्र शेष बचा था।
इस बार मशीन को पूरे 1/2 घंटे तक बच्चे को बाहर रखना था ।
मशीन ने सारे कार्य पूरे किए और बच्चे को बाहर निकाला और मशीन उसका लगातार मॉनिटर कर रहा था। समय धीरे धीरे गुजरता गया ।
ये 1/2घंटे भी सफलता पूर्वक पूरे हो गए । अब अंतिम जो था वो पूरे एक साल के बाद होने वाले प्रयोग थे।
तब तक ये सारे मिशन लिक हो गए । और सभी सदस्य तो पहले से ही अगवा कर लिए गए थे।
बस एक ही सदस्य बचा था । और उसके बारे में पता करना था।
उस मिशन के सारे डॉक्यूमेंट उसी के पास था , और वही एक था, जो सब के पकड़ से बाहर था । ना उसको खुफिया विभाग पकड़ पा रही थी,ना ही अपराधियों के हाथ आ रहा था।
ये खबर अब लगभग हर देश के खुफिया विभाग में पहुंच चुका था।
और ये न्यूज़ अब ट्रेंड में थी ।
सारे जहां के आतंकवादी इस न्यूज़ के आते ही एक्टिव हो गए।
पूरे विश्व में ये खबर फैल गई,की अब हम अंतरिक्ष में बिना किसी आवरण के रह सकते है।
इसका सारा प्रयोग सफल रहा,
पूरे विश्व में बस यही न्यूज़ चल रही थी ,और सब न्यूज़ को बढ़ाचढ़ा कर दिखा रहे थे।
इधर सभी उस आदमी को खोज रहे थे ,जिसके पास वो सारा डॉक्यूमेंट था इस प्रयोग से संबंधित।
kahani adhoori lgti hai
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