सफेद मूसली

मूसली प्राकृतिक रूप से जंगलों में पाई जाने वाली ओषधीय पौधा है । वर्तमान समय में इसके गुणों को देखते हुए इसकी खेती की जाती है अलग से खेती करने का एक वजह और भी है अंधाधुंध जंगलों की कटाई के कारण यह पौधा जंगलों से विलुप्त हो चुका है। मूसली में सफेद मूसली लिलिएसी परिवार का कंदयुक्त पौधा है इसका वानस्पतिक नाम क्लोराफाइटम स्पीशीज है । इसमें सेपोजेनिन नामक तत्व पाया जाता है इस कारण बाजार में मूल्य सर्वाधिक है और इसकी मांग देश और विदेशों में है।
ये विभिन्न प्रकार के होते है इसकी कुछ वन्य प्रजातियां निम्न है
1क्लोरोफाईटम ट्युबरो सम
2/क्लोरोफाईटम अरुंडिनेसियम
3 क्लोरोफाईटम एटेनुएटम
4 क्लोरोफाईटम ब्रिविस्केपाम
इसकी अधिकतम उंचाई 45 से.मी.तक होती है। इसकी जड़ें जमीन में अधिकतम 25से.मी. तक होती है।
उपयोगी होता है/ यह त्रिदोषात्मक, बल एवम् पुष्टिकारक कामशक्ति बर्धक रक्त दोष और अतिसार नाशक , मधुमेह में भी उपयोगी होता है
यह महिलाओं के लिए भी अत्यधिक उपयोगी होता है
इसका उपयोग होम्योपैथिक एवम् आयुर्वेदिक दवाओं के बनाने में होता है।
सफेद मूसली ज्यादा ठंड वाले क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है।